महर्षि वाल्मिकी जयंती पर दिल्ली प्रांत की भव्य संगोष्ठी पश्चिमी विभाग में संपन्न


नई दिल्ली, AYT News | अखिल भारतीय साहित्य परिषद से संबद्ध दिल्ली प्रांत की इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती की ओर से महर्षि वाल्मिकी जयंती के उपलक्ष्य में पश्चिमी विभाग द्वारा संगोष्ठी संपन्न हुई,इस कार्यक्रम में विभाग, जिलों के साथ नगरों पर भी दायित्यों की घोषणाएं हुईं।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि दिल्ली प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.विनोद बब्बर जी ,मुख्य वक्ता तथा अध्यक्ष पश्चिमी विभाग के सेवा प्रमुख श्रीमान सुरेश कुमार जी थे। मंचासीन महानुभावों में नांगलोई जिला प्रचारक श्रीमान विजय जी ,इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती दिल्ली प्रांत उपाध्यक्ष श्री मनोज शर्मा ' मन ',प्रांत मंत्री श्रीमती सुनीता बुग्गा जी पूर्व शिक्षा विभाग के उपनिदेशक श्री युत कृष्ण निर्मल जी,राष्ट्रीय गीतकार डॉ.जय सिंह आर्य और प्रांत संयुक्त महामंत्री श्री संजीव सिन्हा जी थे।

भगवान श्रीराम के आदर्श हमारी संस्कृति के मानबिंदु हैं : श्रीमान सुरेश कुमार

कार्यक्रम प्रारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन और मंत्रोच्चार से आरंभ हुआ। अतिथियों के परिचय के साथ उन्हें शॉल और पुस्तकें भेंट करके उनका सम्मान किया गया। डॉ.जय सिंह आर्य जी के द्वारा सरस्वती वन्दना के बाद अमृत वचन,सुभाषित और कविता पढ़ी गई। तत्पश्चात मुख्य वक्ता श्रीमान सुरेश कुमार जी ने महर्षि वाल्मिकी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके नायक श्रीराम के जीवन आदर्शों का भी उल्लेख करते हुए भारतीय संस्कृति में उनके महत्व को गहरे रेखांकित किया। भगवान श्रीराम के आदर्श हमारी संस्कृति के मानबिंदु हैं। सारगर्भित और भाव-भरे पाथेय से श्रोतागण भाव विभोर हो उठे। डॉ.विनोद बब्बर जी ने महर्षि के जीवन और वाल्मिकी रामायण के श्लोकों को उद्धत करते हुए अराजक राज्य की परिभाषा बताई। उसका उदाहरण आज के समय में धार्मिक अतिवादियों द्वारा हिंसक घटनाओं से देते बुलडोजर रूपी हनुमान जी का आवाहन इन आसुरी शक्तियों के दमन के लिए किया तो श्रोताओं से भरा हॉल तालियों से गूंज उठा। उन्होंने सभी को संस्कृत के कुछ श्लोकों को याद करने पर बल दिया।

अंत में प्रांत के दायित्वों की घोषणा राष्ट्रीय मंत्री श्री प्रवीण आर्य जी ने करते हुए अखिल भारतीय साहित्य परिषद के इतिहास, कार्यों और योजनाओं पर संक्षिप्त प्रकाश डाला।

पश्चिमी विभाग अध्यक्ष डॉ.अखिलेश द्विवेदी ने विभाग महामंत्री के रूप में सुप्रसिद्ध कवि मनोज मिश्र ' कप्तान ',उपाध्यक्ष सुप्रसिद्ध शायर श्री रमाशंकर शर्मा,विभाग कोषाध्यक्ष श्री मनीष खंडेलवाल और मंत्री के रूप में श्री आशीष शर्मा की घोषणा की।


जिलों की घोषणा करते हुए द्वारका जिले से कवियित्री डॉ.सारिका शर्मा, अध्यक्ष, नजफगढ़ जिले से श्री मनोज कुमार मैथिल, अध्यक्ष ,व्यंग्यकार श्री कृष्ण झा , उपाध्यक्ष, डॉ. नवनीत अग्रवाल को महामंत्री घोषित किया। उत्तम नगर जिले से श्री जितेंद्र सिंह को अध्यक्ष तथा श्री राजेश भारद्वाज को महामंत्री बनाया गया। नांगलोई जिले से श्री भगवान मिश्रा,अध्यक्ष ,श्री क्रतिवास तिवारी,उपाध्यक्ष, श्री संतोष पाण्डेय,कोषाध्यक्ष, श्री सुनील कपूर,मंत्री ,श्री धीरेन्द्र चौधरी,मंत्री घोषित किए गए। नागलोई जिले के सुंदर विहार नगर से श्री नितेश मेहता को नगर अध्यक्ष, शिवराम पार्क नगर से श्री सर्वेश फौजी को नगर अध्यक्ष,श्री हंसराज भारद्वाज को उपाध्यक्ष, श्री ओंकार गुप्ता को कोषाध्यक्ष, श्री अमरजीत मौर्य,श्री रामकिशोर यादव, श्री नारद प्रसाद, श्री कल्लू कोली , श्री पप्पू बघेल को मंत्री का दायित्व दिया गया।कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्री विनोद बब्बर जी और कार्यक्रम अध्यक्ष श्री सुरेश कुमार जी ने अंगवस्त्र डालकर उनका इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती, दिल्ली के परिवार में स्वागत किया।

नगर की घोषणाएं शिवराम पार्क नगर कार्यवाह श्री दिलीप जी और सह नगर कार्यवाह श्री गीतम जी के सानिध्य में हुईं।

कार्यक्रम में गरिमामय उपस्थिति डॉ.राकेश श्रीवास्तव, सरदार श्री जगदीश जी, जिला सेवा प्रमुख श्री राजेश जी,विस्तारक श्री सिद्धार्थ जी, नगर व्यवसाई कार्य प्रमुख श्री राजिंदर जी, परिवार प्रबोधन जिला आयाम प्रमुख महात्मा अरविंद जी, श्री गोविंद राय जी,मजदूर संघ से प्रांत पदाधिकारी श्रीकृष्ण बिल्ला जी की थी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में महाराणा प्रताप तरुण प्रभात शाखा के कार्यवाह श्री पुनीत जी समस्त शाखा और महाराणा सांगा शाखा से श्री विवेक जी अपनी शाखा के समस्त स्वयंसेवकों के साथ उपस्थित थे। कार्यक्रम में बच्चों और मातृशक्ति की अच्छी संख्या थी। कुल अठत्तर पचासी थी। मंच का संचालन विभाग अध्यक्ष डॉ.अखिलेश द्विवेदी ने किया।


रिपोर्ट - अभय द्विवेदी

(  यह न्यूज़ दिल्ली से समाज सेवी अभय द्विवेदी द्वारा भेजी गयी है  )

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