नई दिल्ली, AYT News | केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच की तकरार खत्म होने का आने वाले समय में अनुमान नहीं है | टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र ने कहा कि यह जांच को प्रभावित करने की कोशिश है. वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने तर्क दिया कि सीबीआई द्वारा उनके राज्य में बिना अनुमति लिए जांच करना संघीय ढांचे का उल्लंघन है.
पश्चिम बंगाल ने साल 2018 में सीबीआई को किसी भी मामले में सीधे जांच करने की इजाज़त वापस ले ली थी. इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से यह व्यवस्था देने की मांग की थी कि सीबीआई को हर मामले की जांच से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की यह याचिका सुनवाई करने लायक नहीं है. केंद्र सरकार द्वारा एजेंसी के दुरुपयोग की बात को ग़लत बताते हुए मेहता ने कहा, "सरकार का सीबीआई द्वारा केस दर्ज करने, जांच और अभियोजन से कोई संबंध नहीं है. सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है और हमारा इस पर कोई नियंत्रण या पर्यवेक्षण नहीं है." उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार जो मांग कर रही है, उससे तो संवैधानिक अदालतों द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के सभी आदेश खारिज हो जाएंगे |
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