आखिर DO Politics के को-फाउंडर Ajeet Bharti क्यों रहते है बीजेपी आईटी सेल के निशाने पर


नई दिल्ली, AYT News | अजीत भारती एक ऐसा नाम है जो साहित्य और व्यंग्य से लेकर सामाजिक टिप्पणी और राजनीतिक विश्लेषण तक के कई आयामों में गूंजता है। लेकिन इस बहुआयामी व्यक्तित्व के पीछे व्यक्ति कौन है? हमेशा उपेक्षित किये जाने हिन्दुओ के पक्ष में अपनी आवाज़ उठाने वाले अजीत भारती आखिर क्यों रहते है बीजेपी के आईटी सेल के निशाने पर?

भारत जैसे देश में जहा हिन्दुओ की आबादी सबसे अधिक है वही कुछ साल पहले तक हिन्दुओ और उनके धार्मिक मान्यताओं और विचारो को लेकर सेकड़ो वीडियो इंटरनेट पर उपलब्ध था जिसमे झूठ और नफरत का तड़का लगा कर कुछ भी अनाप शनाप बोल देना आम बात थी | हिन्दुओ के देश में उन्हें इंटरनेट पर, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डिफेंड करने वालो की संख्या नगण्य थी | आज के समय में जब नैरेटिव बिल्डिंग के प्रभाव को आप हर जगह देख सकते है, एक तरफ लेफ्ट विंग, हिन्दुओ से, देश से नफरत रखने वाले लोग का अपना इको सिस्टम था वही हिन्दुओ के पक्ष में बोलना मतलब खुद के प्रोफेशनल करियर और अपनी पर्सनल लाइफ का तिलांजलि दे देने जैसा था | 

बहुमुखी प्रतिभा के धनी अजीत भारती शायद भारत के पहली उठी उन आवाज़ों में से एक थे जो खुलकर, बिना राग लपेट अपनी बाते रखते थे | बिहार के बेगुसराई से संबंध रखने वाले अजीत आज अपनी पहचान के मोहताज़ नहीं है भले ही नोएडा का मीडिया सर्किल हो या आम जनमानस वर्ग हर कोई इस नाम को भली भांति जानता है | एक कहावत है हमेशा मिलजुल कर चलना ताकि आपका काम चलता रहे और आप किसी का टारगेट भी न बनो | लेकिन ये बाते उन लोगो के समझ में कहाँ आती है जो सिर्फ अपने ध्येय को लेकर चलते है भले ही सबसे तटस्थ क्यों ना होना पड़े और यही गलती अजीत भारती की भी रही है अन्यथा OpIndia जैसे न्यूज़ पोर्टल जिन पर हिंदुत्ववादी मीडिया होने का ठप्पा लगा हो वो भला तेज़ी से उभरते पत्रकार से कैसे मुँह मोड़ सकती है | हो सकता था की अजीत भारती का स्वर्णिम भविष्य आगे इंतज़ार कर रहा हो लेकिन ऐसे खुल कर सभी मुद्दों पर बोलना, विशेष कर बीजेपी के खिलाफ जब पार्टी का स्टैंड पीछे हटना हो और उनके आईटी सेल द्वारा इसे मोदी का मास्टरस्ट्रोक साबित करना हो और तब अजीत इन सबके बीच कूद पड़ते है और पॉइंट तो पॉइंट बाते सामने रख कर पूछते है की पश्चिम बंगाल में खेला होबे के परिणाम स्वरुप कटते हुए हिन्दुओ की चीख पुकार में मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक क्या है ? ये प्रश्न भले ही वास्तविक और तर्कसंगत हो लेकिन इसका जवाब आईटी सेल वालो के पास तो क्या सम्भवतः मोदी जी के भी पास नहीं होगा |  


आये दिन अनगिनत सवाल गाहे बगाहे अजीत उठाते रहते है जो पार्टी और उन्हें मास्टर स्ट्रोक बताने वालो को असमंजस की स्थिति में डाल देता है | अब आईटी सेलिए पार्टी की बात को जन जन तक पहुचायेगा या फिर अजीत भारती के तर्क का काट ढूंढने में समय व्यतीत करेगा | इसलिए अजीत को भी विपक्ष की तरह निशाने पर लिया जाना स्वाभिक ही है | सारी गलती दुसरो की नहीं होती है कुछ अवगुण अजीत भारती में भी विद्यमान है उन्हें भी समझना चाहिए की बीजेपी सांस्कृतिक पार्टी नहीं है यह एक राजनितिक पार्टी है और उन्हें सत्ता में आने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाने पड़ते है | देश के हिंदी बुद्धिजीवी लोगो में एक बात प्रचलित थी की Ravish Kumar भले ही हिन्दू नाम वाले होकर हिन्दुओ से घृणा हज़ार करते लेकिन उनकी वाक् पटुता उनकी हिंदी भाषी दर्शको पर पकड़ कभी ढीली नहीं पड़ने वाली लेकिन सनातनी जिसे अपनी विद्या की देवी मानते है माँ सरस्वती, शायद राजा राम के आने की जानकारी उन्हें भी थी तभी अजीत के रूप में पूर्णतः हिंदी और हिन्दुओ को समर्पित, Dhruv Rathee और रविश की काट को हमारे सम्मुख ला दिया |

यह लेख के निजी विचार है | 

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