चंडीगढ़, AYT News | हरियाणा की मनोहर लाल सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चार स्तंभों में से एक महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन-स्तर को ऊंचा उठाने के लिए के लगातार प्रयास कर रही है। जिसके सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं। भाजपा के पिछले नौ वर्षों के कार्यकाल में चाहे केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन हो या फिर प्रदेश की योजनाओं से हरियाणा की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024-25 के बजट में महिलाओं पर विशेष फोकस करते हुए दो लाख लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य के साथ साथ उचित मूल्य की दुकानों में महिलाओं को आरक्षण देने का प्रावधान करने की घोषणा की है।
महिलाओं की जिंदगी बदलने और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में केंद्र सरकार की तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं उज्जवला, पीएम आवास और हर घर शौचालय की खास भूमिका है। डबल इंजन सरकार होने की वजह से उज्जवला योजना के माध्यम से जहां महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली है, वहीं पीएम आवास योजना ने पक्का मकान होने के हर महिला के सपने को पूरा किया है। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय बनाने की योजना का सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को ही मिला है। इसकी वजह से अब उन्हें शर्मनाक स्थित से गुजरना नहीं पड़ता है। उज्जवला योजना के तहत हरियाणा में 12.01 लाख बीपीएल परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन दिया गया है। इसी तरह, पीएम आवास योजना के तहत 60,500 परिवारों के पक्के घर का सपना पूरा हुआ है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 500 महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह एक-एक एग्री ड्रोन देने का बजट में प्रस्ताव किया है। इन समूहों की महिलाओं को ड्रोन संचालन व रखरखाव के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। महिला स्वयं सहायता समूह एग्री ड्रोन को खेती में इस्तेमाल के लिए किसानों को किराये पर दे सकेंगी जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। इसी तरह, हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और स्थानीय शहरी निकाय विभाग के सहयोग से प्रत्येक जिला मुख्यालय पर सांझा बाजार की स्थापना की जाएगी। इसका उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए दुकानें या पोर्टा केबिन उपलब्ध करवाना है।
पायलट आधार पर 5 जिलों करनाल, यमुनानगर, पंचकुला, फतेहाबाद और गुरुग्राम में काम शुरू हो गया है। रोटेशन के आधार पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को सांझा बाजार में दुकानें आवंटित की जाएंगी। सांझा बाजार महिला उद्यमियों को अपना कारोबार आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 58,797 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है,जिनमें 6.04 लाख महिलाओं को हस्तशिल्प,परिधान,खाद्य पदार्थों और अन्य विभिन्न गतिविधियों में शामिल किया गया है। इसके माध्यम से दो लाख महिलाओं की आय बढ़ाकर उन्हें लखपति दीदी बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने 2024-25 के बजट में किया है।
प्रदेश सरकार ने राशन की उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन में महिला आवेदकों के लिए 33प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। इसमें एसिड हमले की शिकार महिलाओं और विधवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश में 3,224 उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मनोहर लाल सरकार के इन कदमों से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश में सुधरा लिंगानुपात
प्रदेश में गिरते लिंगानुपात तथा महिला सशक्तिकरण के लिए पानीपत से 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम शुरू किया गया। प्रदेश में लिंगानुपात वर्ष2014 में 871था जो अब सुधरकर 2023 में907 हो गया है। "आपकी बेटी हमारी बेटी योजना" के अन्तर्गत अनुसूचित जाति तथा गरीब परिवारों को पहली बेटी के जन्म पर 21,000 रुपये तथा सभी परिवारों को दूसरी वतीसरी बेटी के जन्म पर 21,000 रुपये की राशि बच्ची के नाम भारतीय जीवन बीमा निगम में एक मुश्त जमा करवाई जाती है। बच्ची के 18 वर्ष की होने पर यह राशि लगभग एक लाख रुपये हो जाती है।इसके तहत अब तक 4.54 लाख लाभार्थियों को कवर किया जा चुका है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीण किशोरी बालिका पुरस्कार योजना में अब शहरी बालिकाओं को भी शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के अन्तर्गत गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं को प्रथम जीवित बच्चे पर 5000 रुपये तथा दूसरे जीवित बच्चे के जन्म पर एकमुश्त 6000 रुपये दिये जाते हैं। इस योजना के तहत अब तक हरियाणा में 7.74 लाख लाभार्थियों को 342करोड़ रुपये की राशि दी गई।
महिला एवं किशोरी सम्मान योजना के तहत 23 लाख बीपीएल किशोरियों व महिलाओं को मुफ्त सेनिटरी पैड की सुविधा दी जाती है। प्रदेश में कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए 500 नये क्रेच खोले जा रहे हैं। अब तक 165 क्रेच खोले जा चुकेहैं और 335 क्रेच खोलने के लिए जगहों की पहचान कर ली गई है। प्रदेश सरकार के इन कदमों ने महिलाओं की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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