नई दिल्ली, AYT News | काव्य शोध संस्थान के बैनर तले, सिविल सेवा अधिकारी संस्थान, नई दिल्ली में शानदार कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ मुंबई से आए कवि/गायक/संगीतकार श्री रवि जैन ने किया। युवा कवि अखिलेश द्विवेदी "अकेला" ( Akhilesh Dwivedi ) ने पुष्प के माध्यम से देशभक्ति की रचना प्रस्तुत करते हुए कहा -
"इसीलिए कहता हूं कविवर
तोड़ो हाथ बढ़ाओ तुम।
मां भारती के श्रीचरणों में
हमें सहर्ष चढ़ाओ तुम।"
हास्य - व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर श्री ओम प्रकाश कल्याने ने हरियाणा की हाजिर जवाबी और मस्ती से श्रोताओं को हंसाया। उन्होंने कहा -
"फक्कड़ों के ठहरे
हम तो डॉन पर
जिंदगी बस कट रही
है लोन पर।
चार दिन क्या खाई
मंहगी सब्जियां
धमकियां मिलने लगी
हैं फोन पर।।"
कवयित्री श्रीमती राजरानी भल्ला ने युवाओं को प्रभावित करते हुए कहा -
"आंख के पानी से जो
सूरत बनाई आपकी।
खुशबुओं का दौर था
फिर याद आई आपकी।।"
सुप्रसिद्ध कवि और शायर श्री संजय जैन ने अपने निराले अंदाज में सुंदर काव्यपाठ किया।उन्होंने यह लाइनें पढ़ीं
"रोज़ शब यूं गुजार लेता हूं
चांद छत पर उतार लेता हूं
आईना किसलिए देखूं भला
खुदको तुझमें निहार लेता हूं।"
इन पक्तियों ने तालियों का शोर बढ़ा दिया।
श्रोताओं में राष्ट्रीय गीतकार डॉ.जय सिंह आर्य को सुनने की उत्सुकता थी। उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में देशभक्ति की कविता पढ़ते हुए पाकिस्तान को भारत द्वारा पानी बंद करने के विषय को कुछ तरह व्यक्त किया -
"तुझको तेरे हिसाब से
जीने नहीं देंगे।
मारेंगे इतना कि ज़ख्म भी
सीने नहीं देंगे।।
प्यासा मरे तो मर
हमें चिंता नहीं तेरी।
पानी तुझे अब मुफ्त में
पीने नहीं देंगे।।"
अखिलेश द्विवेदी एवं अन्य |
उनकी कविताओं से खुले प्रांगण में श्रोताओं के चेहरे खिल गए। देर तक तालियां बजती रहीं। इस खुशनुमा शाम को डॉ.राम और डॉ.मयंक दंपत्ति की उपस्थिति ने और उत्साह - उमंग भरा। विशिष्ट अतिथि श्री बृजेश गर्ग की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कवि करण सिंह जैन ने भी श्रोताओं का ध्यान खींचा। कवि सम्मेलन का शानदार संचालन शेरो-शायरी के साथ श्री संजय जैन ने किया।
( यह न्यूज़ दिल्ली के प्रतिष्ठित समाजसेवी अखिलेश द्विवेदी के द्वारा भेजी गयी है )
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