नई दिल्ली, AYT News | चीनी स्टार्टअप DeepSeek द्वारा अपने नए AI मॉडल DeepSeek R1 के लॉन्च ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। इस मॉडल ने अपनी कम लागत और बेहतरीन प्रदर्शन से सबको चौंका दिया है, जिसके बाद भारत में भी इसकी गूँज सुनाई दे रही है। DeepSeek R1 के आने से भारतीय तकनीकी जगत में एक नई बहस छिड़ गई है कि क्या भारत भी ऐसा ही कुछ अपने दम पर कर सकता है? DeepSeek के इस हाई-प्रोफाइल लॉन्च के बाद भारतीय सरकार ने जवाबी कदम उठाते हुए घोषणा की कि वे भी अपना खुद का AI मॉडल विकसित करेंगे। भारतीय IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा DeepSeek ने जो किया है उसे देखकर यह साफ है कि AI का विकास देशहित में कितना प्रभावी हो सकता है। हमें अपने संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग करते हुए भारत में एक प्रतिस्पर्धी AI Model बनाना है।
भारत ने IndiaAI Mission के तहत पहले ही 10,370 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसमें AI Startups को फंडिंग और स्वदेशी AI बुनियादी ढांचे का विकास करना शामिल है। भारत में DeepSeek के इस तूफानी प्रदर्शन को लेकर काफी प्रतिक्रिया आयी है। कुछ लोग इसे भारतीय AI क्षेत्र के लिए एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे एक अवसर मान रहे हैं। X पर यूजर्स ने अपने अलग अलग विचारो को शेयर किया हैं। कुछ ने डीपसीक की सफलता को भारतीय AI के विकास के लिए जागने का क्षण बताया है जबकि कुछ लोगो ने चीनी टेक्नोलॉजी के प्रति आशंका जाहिर की है और सुरक्षा चिंताओं को उठाया है। AI एक्सपर्ट जयंत बिंद्रा ने टिप्पणी की है डीपसीक की सफलता से भारत को यह सीखना चाहिए कि हमें अपने दम पर बड़े पैमाने पर AI विकास की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने आगे कहा की हमारे पास टैलेंट है, हमें बस उस टैलेंट का सही से उपयोग करना होगा। देश ने AI के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। BHASHINI AI जैसी पहल जो स्थानीय भारतीय भाषाओं में AI-संचालित अनुवाद को बढ़ावा देती है | भारतीय सरकार ने AI के विकास के लिए बड़े पैमाने पर GPU खरीदने का फैसला किया है, जिससे AI मॉडल्स को ट्रेन करने की लागत कम हो सके।
🤖IndiaAI Mission Launched: ₹10,000 Crore Initiative to Boost AI Chips & Affordable Computing Power
— Raghav Wadhwa (@raghavwadhwa) January 31, 2025
🤖List of 11 Companies that could benefit from this initiative
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काफी चुनौतियाँ में से एक प्रमुख चुनौती है डेटा गोपनीयता और सुरक्षा, विशेषकर जब चीनी टेक्नोलॉजी का प्रश्न आता है। डीपसीक के सर्वर पर डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं उठी हैं | जिसके कारण भारत ने घोषणा की है कि वे डीपसीक के मॉडल्स को स्थानीय सर्वरों पर होस्ट करेंगे, जिससे डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। भारतीय AI क्षेत्र के विकास के लिए सरकार, रिसर्चर और बिज़नेस, कॉर्पोरेशंस को एक साथ आना होगा ताकि वे ऐसे AI मॉडल विकसित कर सकें जो भारत की समाजिक-आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकें | जैसे कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पर्यावरण संरक्षण। IIT-दिल्ली के प्रोफेसर गौतम श्रॉफ ने कहा है हमें AI के क्षेत्र में अपना मंगलयान करना है, जिसके लिए हमें जल्दी ही काम शुरू करना होगा।